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बरदौनी आयुष्मान आरोग्य मंदिर में स्वास्थ्य सेवा त्रस्त, नर्स की मनमर्जी से ग्रामीण परेशान

मुख्य बिंदु:

बरदौनी गांव का आयुष्मान आरोग्य मंदिर लंबे समय से बंद या अर्ध-कार्यक्षम स्थिति में है।

नर्स की मनमर्जी और देर से आने/जल्दी जाने के कारण मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा।

कई गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग और बीमार लोग बिना इलाज के घर लौटते हैं।

ग्रामीणों ने डॉक्टर की नियुक्ति और तत्काल कार्रवाई की मांग की है।

घटना का विवरण

महुआडांड़ प्रखण्ड के बरदौनी गांव में स्थित आयुष्मान आरोग्य मंदिर की स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था पूरी तरह चरमराती हुई नजर आ रही है। मंगलवार दोपहर 12 बजे जब ग्रामीण इलाज के लिए पहुंचे, तो अस्पताल में सन्नाटा और बाहर लटका ताला उनका स्वागत कर रहा था।स्थानीय लोगों का कहना है कि यह स्थिति कोई नई नहीं है, बल्कि कई हफ्तों से अस्पताल इसी तरह बंद रहता है। आरोप है कि नर्स रोजाना 12 बजे पहुंचती है और 2:30 बजे ताला लगाकर चली जाती है, जिससे कई मरीज बिना इलाज के घर लौट जाते हैं।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

ग्रामीण धकनू किसान, शमीम अंसारी, हमीदुल्ला अंसारी, छोटे किसान, सुसीता देवी और सुषमा देवी ने कहा:अस्पताल जनता के लिए है, नर्स की निजी सुविधाओं के लिए नहीं। डॉक्टर की नियुक्ति जल्द हो और कार्रवाई तुरंत की जाए।ग्रामीणों ने बताया कि सरकारी योजनाएं कागज पर तो चमकती हैं, लेकिन गांव तक उसका लाभ नहीं पहुँच पा रहा है।प्रखण्ड स्तर के अधिकारी कभी निरीक्षण नहीं करते, जिससे नर्स की मनमर्जी लगातार बढ़ती जा रही है। न समय का पालन, न मरीजों के प्रति जवाबदेही—पूरी व्यवस्था ‘भगवान भरोसे’ चल रही है।ग्रामीणों की मांग है कि डॉक्टर की नियुक्ति तुरंत की जाए और अस्पताल की नियमित निगरानी की जाए, ताकि गरीब और असहाय मरीजों को स्वास्थ्य सेवाओं का उचित लाभ मिल सके।

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