संत जेवियर कॉलेज महुआडांड़ : “विद्यार्थियों को शिक्षक का सम्मान ही सबसे बड़ी शिक्षा” – प्राचार्य फादर एम.के. जोश

महुआडांड़, 5 सितंबर 2025
- संत जेवियर कॉलेज, महुआडांड़ में शिक्षक दिवस पर विशेष कार्यक्रम आयोजित हुआ।
- कॉलेज प्राचार्य फादर एम.के. जोश ने शिक्षकों के महत्व पर प्रकाश डाला।
- उन्होंने कहा कि “विद्यार्थियों को शिक्षक का सम्मान ही सबसे बड़ी शिक्षा है”।
- कार्यक्रम में छात्रों ने भाषण और कविताओं के जरिए शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त किया।
- शिक्षकों के मार्गदर्शन से दर्जनों छात्र-छात्राएँ अपनी मंज़िल तक पहुँच चुके हैं।
शिक्षक दिवस का महत्व
प्राचार्य फादर एम.के. जोश ने बताया कि भारत के दूसरे राष्ट्रपति और पहले उपराष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा:
“यह दिन केवल एक उत्सव नहीं बल्कि शिक्षकों के प्रति आभार और सम्मान जताने का अवसर है। विद्यार्थी अगर अपने गुरु का सम्मान करना सीख लें तो वही उनकी सबसे बड़ी शिक्षा है।”
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुमनी गांव में हुआ था। वे महान दार्शनिक और शिक्षाविद रहे। जब उनके शिष्यों ने जन्मदिन मनाने की इच्छा जताई तो उन्होंने कहा था कि “अगर मेरा जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो मुझे गर्व होगा।”
इसी के बाद से 1962 से हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
छात्रों की भागीदारी
संत जेवियर कॉलेज में इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने अपने शिक्षकों के सम्मान में भाषण दिए और कविताएं प्रस्तुत कीं। उन्होंने शिक्षकों के मार्गदर्शन और आशीर्वाद के लिए आभार व्यक्त किया।
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