लगातार बारिश से महुआडांड़ अनुमंडल में धान, मक्का और दलहन की खेती प्रभावित

महुआडांड़, 6 सितंबर 2025 (शनिवार)
- जून से अब तक हुई लगातार बारिश ने धान, मक्का और दलहन फसलों को भारी नुकसान पहुँचाया।
- किसानों के अनुसार इस साल खरीफ फसलें लगभग चौपट हो गई हैं।
- अनुमान के अनुसार, 60% खेतों में धान और 15% खेतों में अन्य खरीफ फसलें बोई गई थीं।
- भारी बारिश से अनुमंडल क्षेत्र के अधिकांश खेत खाली और बर्बाद हो गए।
- कृषि विभाग ने किसानों को मोटे अनाज की खेती करने और मुआवजा रिपोर्ट तैयार करने का भरोसा दिलाया।
खेती पर संकट के बादल
महुआडांड़ अनुमंडल में इस वर्ष जून से अब तक हुई जोरदार और लगातार बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है। धान, मक्का, तिलहन और दलहन फसलों पर इसका गहरा असर पड़ा है।
किसानों का कहना है कि इस बार खरीफ की खेती पूरी तरह चौपट हो गई है। कई खेत पानी में डूब गए और कई जगह बोआई ही नहीं हो पाई।
किसानों की आपबीती
स्थानीय किसानों ने बताया कि बारिश ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। एक किसान ने कहा:
“हमने धान और मक्का की फसल बोई थी, लेकिन खेतों में पानी भरने से पौधे खराब हो गए। अब पूरे साल का सहारा टूट गया है।”
कृषि विभाग की प्रतिक्रिया
इस मामले में प्रभारी जिला कृषि पदाधिकारी संजय राम ने माना कि अतिवृष्टि से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा:
“इसमें कोई संदेह नहीं कि जिले में खरीफ फसलों की खेती बुरी तरह प्रभावित हुई है। लेकिन अब किसान खाली खेतों में मोटे अनाज की खेती कर नुकसान की भरपाई कर सकते हैं।”
उन्होंने आगे बताया कि फसलों के नुकसान का आकलन कर सरकार को रिपोर्ट भेजी जाएगी, ताकि प्रभावित किसानों को फसल मुआवजा भुगतान उपलब्ध कराया जा सके।
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