महुआडांड़ में शिक्षा की नई ऊँचाई:संत जेवियर्स कॉलेज ने झारखंड में रचा इतिहास

महुआडांड़, 28 अक्टूबर 2025
- संत जेवियर्स कॉलेज, महुआडांड़ को NAAC ने A+ ग्रेड से सम्मानित किया।
- झारखंड का पहला कॉलेज बना जिसे यह प्रतिष्ठित ग्रेड मिला।
- कॉलेज को UGC द्वारा स्वायत्त (Autonomous) का दर्जा प्रदान किया गया।
- वर्ष 2025 से कॉलेज स्वयं अपनी परीक्षाएँ और मूल्यांकन करेगा।
- कॉलेज की उपलब्धि से पूरे लातेहार जिले में गर्व और उत्साह का माहौल।
शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि
झारखंड के लातेहार जिले के महुआडांड़ स्थित संत जेवियर्स कॉलेज ने राज्य में शिक्षा का नया अध्याय लिख दिया है। राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) ने इस कॉलेज को A+ ग्रेड प्रदान किया है, जिससे यह झारखंड का पहला और एकमात्र उच्च शिक्षा संस्थान बन गया है जिसे यह सम्मान मिला है।
कॉलेज को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने स्वायत्त (Autonomous) का दर्जा दिया है, वहीं नीलाम्बर-पीताम्बर विश्वविद्यालय (NPU), पलामू ने भी इसे स्वायत्तता की मान्यता दी है। इसका अर्थ है कि साल 2025 से कॉलेज अपनी सभी परीक्षाएँ स्वयं संचालित करेगा और छात्रों को सीधे कॉलेज द्वारा अंकपत्र (Marksheet) जारी किए जाएंगे।
NPU ने कॉलेज को स्थायी संबद्धता (Permanent Affiliation) के लिए झारखंड उच्च शिक्षा विभाग को अधिसूचना भेज दी है। संभावना है कि आगामी अवकाशों के बाद यह मान्यता औपचारिक रूप से प्रदान कर दी जाएगी।
कॉलेज की पृष्ठभूमि और योगदान
साल 2011 में स्थापित, संत जेवियर्स कॉलेज ने झारखंड के आदिवासी-बहुल और शैक्षणिक रूप से पिछड़े क्षेत्र महुआडांड़ में शिक्षा की नई रोशनी जगाई।
शुरुआत में कॉलेज की कक्षाएँ संत जोसेफ +2 स्कूल और संत टेरेसा गर्ल्स हाई स्कूल में चलती थीं। वर्ष 2014 में कॉलेज को अपना स्वतंत्र भवन मिला, जिसने इसे क्षेत्र का प्रमुख शैक्षणिक केंद्र बना दिया।
कॉलेज केवल शैक्षणिक उपलब्धियों तक सीमित नहीं है। यहाँ छात्रों के व्यक्तित्व विकास, सामाजिक जिम्मेदारी और व्यावहारिक शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाता है। नियमित कक्षाओं के साथ-साथ गाँव आउटरीच कार्यक्रम, सेमिनार, खेलकूद और सांस्कृतिक गतिविधियाँ भी आयोजित की जाती हैं।
संत जेवियर्स कॉलेज एक ईसाई अल्पसंख्यक संस्थान है, लेकिन यहाँ सभी धर्मों और जातियों के विद्यार्थियों को समान अवसर दिए जाते हैं। कॉलेज का उद्देश्य है – “शिक्षा के माध्यम से समाज के वंचित वर्गों का सशक्तिकरण।”
नेतृत्व और समर्पण की कहानी
कॉलेज के प्राचार्य फादर एम. के. जोस (Fr. M.K. Jose) और उनकी टीम की मेहनत इस सफलता के पीछे की सबसे बड़ी ताकत रही है।
फादर जोस ने कहा,
“यह उपलब्धि महुआडांड़ के हर विद्यार्थी की मेहनत और विश्वास की जीत है। यह सफलता केवल हमारे कॉलेज की नहीं, बल्कि पूरे लातेहार की शैक्षणिक उन्नति का प्रतीक है।”
संत जेवियर्स कॉलेज अब केवल एक शिक्षण संस्थान नहीं, बल्कि ग्रामीण शिक्षा में परिवर्तन और प्रेरणा का प्रतीक बन चुका है। यहाँ पढ़ाई के माध्यम से न केवल डिग्री मिलती है, बल्कि जागरूक और जिम्मेदार नागरिक बनने की शिक्षा भी दी जाती है।
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