महुआडांड़ में विकास की रफ्तार तेज, लेकिन शिक्षा व्यवस्था लड़खड़ाई—शिक्षक कमी से बच्चों की पढ़ाई पर गहरा असर

महुआडांड़ (लातेहार): प्रखण्ड में सड़क, बिजली और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं पर प्रशासन जोरशोर से काम कर रहा है, जिससे विकास की रफ्तार अब स्पष्ट दिखने लगी है। लेकिन इन उपलब्धियों के बीच सरकारी स्कूलों की हालत बदहाल है। शिक्षा विभाग की कमजोर तैयारी और लगातार बढ़ती शिक्षक-कमी ने बच्चों की पढ़ाई को संकट में डाल दिया है।अधिकतर स्कूलों में केवल एक या दो शिक्षक पूरे विद्यालय की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। कई बार जब वही शिक्षक अनुपस्थित हो जाते हैं, तो स्कूल पूरे दिन बंद रहता है। बच्चों की नियमित पढ़ाई टूटने लगी है और बुनियादी शिक्षा पर सीधा असर पड़ रहा है।
ग्रामीणों और अभिभावकों की पीड़ा—“बच्चों का भविष्य दांव पर है”
ग्रामीणों व अभिभावकों ने इस स्थिति पर गहरी नाराजगी जताई। उनका कहना है कि—
रिक्त शिक्षक पदों पर त्वरित नियुक्ति की जाए
अनुबंध पर कार्यरत शिक्षकों को स्थायी नियुक्ति दी जाए, ताकि वे निश्चिंत होकर पढ़ा सकें
विद्यालयों में नियमित निगरानी सुनिश्चित हो, जिससे शिक्षक उपस्थिति बनाए रखें
कक्षाएं समय पर चलें और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेग्रामीणों का कहना है कि यदि शिक्षा व्यवस्था को मजबूत नहीं किया गया, तो महुआडांड़ में हो रहा विकास अधूरा रह जाएगा। उनके शब्दों में—“बच्चों की पढ़ाई सुधरी, तभी क्षेत्र का असली विकास होगा।”
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