पुलिसिया बर्बरता पर हाईकोर्ट सख्त, चैनपुर थाना प्रभारी निलंबित, तीन पुलिसकर्मी लाइन हाजिर

चैनपुर (गुमला) झारखंड में एक बार फिर पुलिसिया बर्बरता का गंभीर मामला सामने आया है। चैनपुर थाना में एक निर्दोष युवक को अवैध हिरासत में लेकर बेरहमी से पीटने के मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए इसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया है। कोर्ट की सख्ती के बाद गुमला एसपी ने तत्काल कार्रवाई करते हुए चैनपुर थाना प्रभारी कृष्ण कुमार को निलंबित कर दिया है, जबकि पुअनि दिनेश कुमार, नंदकिशोर महतो और निर्मल राय को लाइन हाजिर कर दिया गया है।हाईकोर्ट की खंडपीठ, जिसमें मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति राजेश शंकर शामिल हैं, ने इस मामले को गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन मानते हुए गुमला एसपी को आदेश दिया है कि वे 4 दिसंबर को सुबह 10:30 बजे चैनपुर थाना का संपूर्ण रिकॉर्ड और सीसीटीवी फुटेज के साथ व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश हों। कोर्ट ने गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक, गुमला एसपी और चैनपुर थाना प्रभारी को भी नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
ससुर की तलाश में दामाद को बनाया गया शिकार
पूरा मामला चैनपुर प्रखंड के ग्राम जमगाई निवासी जमरूद्दीन खान से जुड़ा है। वर्ष 1996 के एक मामले में सजा काट चुके जमरूद्दीन खान को बाद में अदालत से राहत मिल गई थी। हाल ही में अचानक उनके नाम से गिरफ्तारी वारंट जारी होने की सूचना से परिवार दहशत में आ गया, जिसके बाद वे पुलिस की नजर से दूर रहने लगे।इसी के बाद 1 दिसंबर को चैनपुर पुलिस ने सीधे उनके दामाद क्यूम चौधरी (निवासी — सरगांव, भरनो प्रखंड) को उठा लिया। परिजनों का साफ आरोप है कि क्यूम चौधरी के खिलाफ न तो कोई प्राथमिकी दर्ज थी और न ही कोई शिकायत, फिर भी उन्हें थाने में घंटों बंधक बनाकर रखा गया और बेरहमी से पीटा गया।
हिरासत में टूटी हड्डियां, अस्पताल में भर्ती
हिरासत के दौरान की मारपीट इतनी भयावह थी कि क्यूम चौधरी गंभीर रूप से घायल हो गए। उनकी हालत बिगड़ने पर पुलिस ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया। पीड़ित के शरीर पर चोट के मिले निशान पुलिस की बर्बरता की गवाही दे रहे हैं।
पत्नी ने हाईकोर्ट में लगाई न्याय की गुहार
पीड़ित की पत्नी नबीजा बीबी ने थाने, जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों से न्याय नहीं मिलने पर सीधे झारखंड हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। याचिका में उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पति को अवैध हिरासत में लेकर अमानवीय यातनाएं दी गईं। साथ ही दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर गिरफ्तारी की मांग की गई।
जांच में थाना प्रभारी दोषी करार
एसपी के निर्देश पर एसडीपीओ चैनपुर द्वारा कराई गई जांच में साफ तौर पर सामने आया कि थाना प्रभारी कृष्ण कुमार ने बिना किसी संज्ञेय अपराध के क्यूम चौधरी को थाने बुलाया और उनके साथ मारपीट की। जांच रिपोर्ट में इस कार्रवाई को गंभीर रूप से गैर-कानूनी और अन्यायपूर्ण बताया गया है।
थाना में भारी फेरबदल
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुअनि राजेंद्र मंडला और अरविंद कुमार को चैनपुर थाना का नया प्रभार सौंपा गया है।
चैनपुर में आक्रोश, पुलिस पर उठे सवाल
इस घटना के बाद पूरे चैनपुर में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं। आम लोगों में भारी आक्रोश है और इसे मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन बताया जा रहा है। लोग इस कार्रवाई को हाईकोर्ट की सख्त निगरानी और पुलिस पर कसते शिकंजे के रूप में देख रहे हैं।
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