महुआडांड़ :बराही का आयुष्मान आरोग्य मंदिर महीनों से अनियमित, इलाज के बिना परेशान ग्रामीण

महुआडांड़, 9 दिसंबर 2025
- बराही का आयुष्मान आरोग्य मंदिर कई महीनों से अनियमित रूप से संचालित
- इलाज, दवा, टीकाकरण और गर्भवती महिलाओं की जांच पर गंभीर असर
- बंद दरवाजे, ताला और पूरे दिन इंतजार के बाद भी केंद्र नहीं खुलता
- मीडिया में खबर आते ही विभाग कुछ दिनों के लिए सक्रिय, फिर वही स्थिति
- ग्रामीणों ने चेतावनी दी—सुधार नहीं हुआ तो आंदोलन करेंगे
महुआडांड़ प्रखंड अंतर्गत बराही गांव में करोड़ों रुपये की लागत से बना आयुष्मान आरोग्य मंदिर पिछले कई महीनों से नियमित रूप से संचालित नहीं हो रहा है। ग्रामीणों के लिए बनाई गई यह स्वास्थ्य सुविधा आज खुद लापरवाही और बदइंतजामी का शिकार बन चुकी है, जिसका सीधा असर गांव के मरीजों पर पड़ रहा है।
केंद्र के दरवाजे पर अक्सर ताला, मरीज मजबूर
ग्रामीणों का कहना है कि वे जब इलाज, दवा वितरण, टीकाकरण, गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच, या बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए केंद्र पहुंचते हैं, तो अधिकतर समय केंद्र बंद मिलता है।
कभी-कभी लोग सुबह से शाम तक इंतजार करते हैं, पर दरवाजा नहीं खुलता।
स्थानीय निवासी रामदेव उरांव बताते हैं—
“केंद्र तो बना दिया गया, लेकिन इलाज की व्यवस्था नहीं है। हम लोग कब तक ताला देखकर लौटते रहें? यह जनता के टैक्स की बर्बादी है।”
मजबूरी में मरीजों को प्रखंड मुख्यालय या निजी क्लिनिकों में जाना पड़ता है, जहां उन्हें जेब से भारी खर्च वहन करना पड़ता है।
मीडिया में खबर आते ही कुछ दिन सक्रिय, फिर ढीला व्यवहार
ग्रामीणों का आरोप है कि जब भी इस समस्या पर खबर छपती है, स्वास्थ्य विभाग कुछ दिनों तक सक्रिय रहता है।
लेकिन कुछ ही समय बाद केंद्र फिर से पुरानी अनियमितता में लौट आता है।
ग्रामीण इसे विभाग की “औपचारिकता निभाने की प्रवृत्ति” बताते हैं, न कि स्थायी समाधान की कोशिश।
गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों पर सबसे अधिक असर
केंद्र की अनियमितता का सबसे खराब प्रभाव उन वर्गों पर पड़ रहा है जिन्हें नियमित स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत होती है—
- गर्भवती महिलाएं: एएनसी जांच समय पर नहीं
- बच्चे: टीकाकरण बाधित
- टीबी, बीपी व शुगर के मरीज: दवा की नियमित उपलब्धता प्रभावित
यह स्थिति आयुष्मान भारत योजना की जमीनी हकीकत पर भी सवाल खड़ा करती है।
ग्रामीणों का आक्रोश—सुधार नहीं हुआ तो आंदोलन
बराही गांव में लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। ग्रामीणों ने साफ चेतावनी दी है कि यदि जल्द सुधार नहीं किया गया तो वे प्रखंड कार्यालय के समक्ष आंदोलन करेंगे।
ग्रामीणों की प्रमुख मांगें—
- केंद्र रोज तय समय पर खुले
- लापरवाह कर्मियों पर कार्रवाई हो
- नियमित निगरानी और जांच की व्यवस्था
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