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महुआडांड़ : छठ महापर्व की धूम,घाटों पर सजावट, गीतों की गूंज और भक्ति का उमंग

महुआडांड़, 24 अक्टूबर 2025

  • महुआडांड़ में छठ महापर्व को लेकर श्रद्धा और उल्लास का माहौल चरम पर
  • घाटों पर सजावट, रोशनी और भक्ति गीतों की गूंज से पूरा क्षेत्र जगमग
  • बाजारों में सूप, डाला, नारियल और फलों की खरीदारी से रौनक
  • व्रती महिलाएं रविवार शाम को संध्या अर्घ्य और सोमवार सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देंगी


महुआडांड़ में छठ महापर्व की धूम

महुआडांड़ में इस समय सिर्फ एक ही स्वर गूंज रहा है — “छठ मईया की जय!” सूर्य उपासना के इस पावन लोकपर्व ने पूरे क्षेत्र को भक्ति, श्रद्धा और उल्लास के रंग में रंग दिया है। गांवों से लेकर बाजारों तक हर कोई इस पर्व की तैयारी में व्यस्त है।


बाजारों में छठ सामग्री की खरीदारी से रौनक

स्थानीय बाजारों में इन दिनों खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। बांस की टोकरियों, सूप, डाले, नारियल और मौसमी फलों की खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है। दुकानदारों के चेहरे खिल उठे हैं क्योंकि त्योहार के चलते बिक्री में बढ़ोतरी हुई है।

“छठ का समय हमारे लिए किसी त्यौहार से बढ़कर होता है। हर साल इसी सीजन में हमारी कमाई का सबसे अच्छा वक्त आता है।”


घाटों पर सजे दीये और गीतों की गूंज

घाटों की सफाई, सजावट और रोशनी का काम तेजी से पूरा किया जा रहा है। जगह-जगह झाल-मालाएं और दीये सजाए जा रहे हैं। शाम ढलते ही पूरा इलाका रोशनी की चकाचौंध से जगमगा उठता है।
महिलाएं पारंपरिक छठ गीतों — “छठ मईया सुन ल हमर अरजिया” — के साथ माहौल को भक्तिमय बना रही हैं। बच्चे दीये सजाने में मदद कर रहे हैं तो युवक घाटों पर बैरिकेडिंग और सुरक्षा में जुटे हैं।



आस्था और एकता का पर्व

छठ न सिर्फ पूजा है बल्कि समाज को जोड़ने वाला त्योहार भी है। हर परिवार, हर समुदाय इसमें मिलकर भाग लेता है। सफाई से लेकर सजावट तक, हर कोई अपनी भूमिका निभा रहा है। महुआडांड़ इन दिनों सचमुच आस्था की रोशनी में नहा रहा है।


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