बाल विवाह नहीं, शिक्षा ही है सफल जीवन की कुंजी : डॉ. फादर एम. के. जोश

महुआडांड़| 8 सितंबर 2025, सोमवार
- महुआडांड़ प्रखंड मुख्यालय स्थित संत जेवियर्स महाविद्यालय सभागार में बाल विवाह प्रतिषेध कार्यक्रम आयोजित किया गया।
- कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से समाज को बाल विवाह रोकने का संदेश दिया।
- नारे लगे – “ज्ञान का दीपक जलाना है, बाल विवाह मिटाना है” और “मेरा बचपन मेरा अधिकार”।
- महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. फादर एम. के. जोश ने बाल विवाह के दुष्परिणाम और कानून पर विस्तार से प्रकाश डाला।
- असिस्टेंट प्रोफ़ेसर अदिति मैम और सुरभि सिन्हा ने समाज में जागरूकता बढ़ाने और लड़कियों को सशक्त बनाने पर जोर दिया।
- कार्यक्रम में उप प्राचार्य, शिक्षकगण और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ शामिल हुए।
जागरूकता का संदेश
प्राचार्य डॉ. फादर एम. के. जोश ने कहा,
“बाल विवाह बच्चों के स्वास्थ्य और भविष्य पर नकारात्मक असर डालता है। इसे रोकने के लिए कानून का सहारा लेना होगा, समाज में जागरूकता फैलानी होगी और लड़कियों को शिक्षा एवं आर्थिक अवसर देने होंगे।”
अर्थशास्त्र की असिस्टेंट प्रोफ़ेसर अदिति मैम ने कहा कि बाल विवाह कोई परंपरा नहीं बल्कि समाज को कलंकित करने वाली बुराई है। उन्होंने जोर देकर कहा कि शिक्षा और कौशल से लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है।
शपथ ग्रहण
असिस्टेंट प्रोफ़ेसर सुरभि सिन्हा ने सभी उपस्थित लोगों को बाल विवाह रोकने और इसके खिलाफ जागरूकता फैलाने की शपथ दिलाई।
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