महुआडांड़ :वन विभाग की हठधर्मिता से थमा विकास का पहिया — मिरगी–चीरोपाठ सड़क बनना अब भी सपना

महुआडांड़, 7 नवंबर 2025
- मिरगी से चीरोपाठ को जोड़ने वाली सड़क वर्षों से अधूरी पड़ी
- सिर्फ 6 किमी सड़क के लिए ग्रामीणों को रोज़ाना 32 किमी घूमना पड़ता
- वन विभाग की आपत्तियों के कारण रुका निर्माण कार्य
- बरसात में स्थिति बेहद खराब, बीमारों और छात्रों को झेलनी पड़ती है भारी दिक्कत
- ग्रामीणों ने दी चेतावनी — “अब और नहीं सहेंगे, आंदोलन करेंगे”
🌳 वन विभाग की हठधर्मिता से थमा विकास का पहिया
मिरगी–चीरोपाठ सड़क बनना अब भी सपना
लातेहार जिले के महुआडांड़ प्रखंड में मिरगी से चीरोपाठ को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण वर्षों से अधर में लटका हुआ है। यह सड़क महज 6 किलोमीटर लंबी है, लेकिन वन विभाग की आपत्तियों के कारण अब तक इसका निर्माण पूरा नहीं हो पाया है। परिणामस्वरूप ग्रामीणों को रोज़मर्रा की जरूरतों के लिए लगभग 32 किलोमीटर लंबा चक्कर लगाकर आना-जाना पड़ता है।
अधूरी सड़क, अधूरी उम्मीदें
ग्रामीणों का कहना है कि अगर यह सड़क बन जाए, तो महुआडांड़ से चीरोपाठ की दूरी घटकर केवल 15 किलोमीटर रह जाएगी, जिससे स्कूल, अस्पताल और बाज़ार तक पहुंच आसान हो जाएगी। लेकिन वन विभाग के अड़ियल रवैये ने विकास की इस राह को रोक रखा है।
एक नाराज़ ग्रामीण ने कहा —
“वन विभाग न खुद बनाता है, न किसी को बनाने देता है। जब भी कोई एजेंसी काम शुरू करती है, विभाग ‘वन भूमि’ का बहाना बनाकर काम रुकवा देता है।”
🌧️ बरसात में बढ़ जाती है मुसीबत
बरसात के दिनों में इन इलाकों की स्थिति बेहद खराब हो जाती है। कीचड़ और गड्ढों से भरी पगडंडियों पर पैदल चलना तक मुश्किल हो जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि स्कूल जाने वाले बच्चे, बीमार और बुजुर्ग सबसे ज़्यादा प्रभावित होते हैं।
🏢 प्रशासन का दावा — “जल्द मिलेगा समाधान”
इस विषय में वनपाल कुवर गंजू ने बताया कि,
“ग्रामीणों की समस्या से हम पूरी तरह अवगत हैं। बहुत जल्द सड़क निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा, जिससे लोगों की परेशानी दूर होगी।”
वहीं वन विभाग के अधिकारी कुणाल कुमार ने कहा कि विभागीय स्तर पर बात चल रही है और “ग्रामीणों को राहत दिलाने की दिशा में शीघ्र कदम उठाए जाएंगे।”
✊ ग्रामीणों का चेतावनी भरा संदेश
लगातार उपेक्षा से नाराज़ ग्रामीणों ने कहा है कि अगर जल्द समाधान नहीं निकला, तो वे सड़क निर्माण को लेकर आंदोलन करेंगे। ग्रामीणों का कहना है कि “विकास के नाम पर केवल आश्वासन मिल रहे हैं, जमीनी काम अब तक शुरू नहीं हुआ है।”
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English Slug: Forest department’s obstinacy halts development – Mirgi–Cheeropath road remains a distant dream
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