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महुआडांड़ : अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर संत जेवियर्स कॉलेज में जागरूकता की गूंज, छात्रों ने नुक्कड़ नाट्य से दिया अधिकारों का संदेश

महुआडांड़, 10 दिसंबर 2026

  • संत जेवियर्स कॉलेज में अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
  • DLSA पैरा लीगल वॉलंटियर इन्द्रनाथ प्रसाद ने कानूनी सहायता पर महत्वपूर्ण जानकारी दी
  • विद्यार्थियों ने नुक्कड़ नाट्य के माध्यम से महिला, बाल एवं शिक्षा अधिकार पर दिया संदेश
  • कार्यक्रम का उद्घाटन प्राचार्य डॉ. फादर इन के जोश ने किया
  • कार्यक्रम का समापन मानवाधिकार सुरक्षा के सामूहिक संकल्प के साथ हुआ

संत जेवियर्स कॉलेज में मानवाधिकार दिवस की गूंज

नुक्कड़ नाट्य से छात्रों ने दिया जागरूकता का मजबूत संदेश**

महुआडांड़। अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर 10 दिसंबर 2026 को संत जेवियर्स महाविद्यालय, महुआडांड़ में राजनीति विज्ञान एवं इतिहास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में एक सशक्त मानवाधिकार जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
यह कार्यक्रम जिला विधिक सेवा प्राधिकार (DLSA) के पैरा लीगल वॉलंटियर सह अधिकार मित्र श्री इन्द्रनाथ प्रसाद के सहयोग से संपन्न हुआ।


कार्यक्रम का उद्देश्य

इस जागरूकता कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य विद्यार्थियों को
समानता, न्याय, स्वतंत्रता, मानव गरिमा तथा मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा (UDHR) के महत्व से अवगत कराना था।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विद्यार्थी व शिक्षक मौजूद रहे।


उद्घाटन और प्रारंभिक संबोधन

कार्यक्रम का उद्घाटन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. फादर इन के जोश ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया।
अपने प्रेरक संबोधन में उन्होंने कहा—
“मानवाधिकार केवल कानूनी अधिकार नहीं, बल्कि एक सभ्य समाज की आत्मा हैं। जब तक नागरिक अपने अधिकारों के प्रति जागरूक नहीं होंगे, तब तक सशक्त लोकतंत्र की कल्पना अधूरी रहेगी।”

मुख्य अतिथि श्री इन्द्रनाथ प्रसाद ने मानवाधिकारों के उल्लंघन की स्थितियों में पीड़ितों को मिलने वाली निशुल्क विधिक सहायता के बारे में विस्तार से बताया।
उन्होंने कहा कि DLSA के माध्यम से गरीब, पीड़ित और वंचित वर्ग बिना शुल्क न्याय प्राप्त कर सकता है।


नुक्कड़ नाट्य बना आकर्षण का केंद्र

कार्यक्रम का सबसे प्रभावशाली हिस्सा विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत नुक्कड़ नाट्य रहा।
इस नाट्य में महिला अधिकार, बाल अधिकार, शिक्षा का अधिकार एवं सामाजिक न्याय जैसे मुद्दों को बेहद जीवंत रूप में पेश किया गया।

इस प्रस्तुति का नेतृत्व प्रोफेसर अविनाश यादव एवं प्रोफेसर विक्रम रजत ने किया।
प्रोफेसर अविनाश यादव ने कहा—
“मानवाधिकार मानवता के सिद्धांत को व्यवहार में उतारने का माध्यम है, जिसमें मानव और उसकी गरिमा सर्वोपरि है।”

इतिहास विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सुबोध मिंज ने वर्तमान समाज में मानवाधिकारों की बढ़ती प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए छात्रों को सजग एवं जिम्मेदार नागरिक बनने का आह्वान किया।


शिक्षकों और छात्रों की व्यापक भागीदारी

इस अवसर पर असिस्टेंट प्रोफेसर स्वाति, प्रोफेसर शिल्पी जुनीता होरो, प्रोफेसर अंजलि, शिक्षक प्रतिनिधि जफर इकबाल, आईक्यूएसी कोऑर्डिनेटर शशि शेखर सहित बड़ी संख्या में शिक्षक एवं छात्र उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का समापन मानवाधिकारों की रक्षा और जागरूकता बढ़ाने के सामूहिक संकल्प के साथ किया गया।


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