महुआडांड़ में जश्न-ए-मोहम्मदी पूरे शान-ओ-शौकत के साथ मनाया गया।

महुआडांड़, 5 सितंबर 2025
- पूरे महुआडांड़ प्रखंड में जश्न-ए-मोहम्मदी का आयोजन उत्साहपूर्वक हुआ
- जुलूस-ए-मोहम्मदी में सैकड़ों अकीदतमंदों ने भाग लिया
- जगह-जगह स्वागत द्वार, लंगर और तबर्रुक का इंतजाम रहा
- मौलाना और इमाम ने पैगंबर-ए-इस्लाम की सीरत पर रोशनी डाली
- पूरे आयोजन में अमन, भाईचारे और अनुशासन का संदेश देखने को मिला
जुलूस का भव्य आयोजन
महुआडांड़ प्रखंड में शुक्रवार को जश्न-ए-मोहम्मदी पूरे शान-ओ-शौकत के साथ मनाया गया। सुबह से ही माहौल उत्साह और उमंग से भर गया था। “सरकार की आमद मरहबा, आका की आमद मरहबा” जैसे नारों से पूरा इलाका गूंज उठा। सैकड़ों लोग साफ-सुथरे लिबास और इत्र लगाकर इस जुलूस में शामिल हुए। तिरंगा और इस्लामी परचम लहराते हुए अकीदतमंद पैगंबर-ए-इस्लाम का पैगाम फैलाने का संकल्प दोहराते नजर आए।
जुलूस की शुरुआत जामा मस्जिद से हुई और यह अम्बवा टोली, शहीद चौक, गुरगुटोली, शास्त्री चौक, गांधी चौक, बिरसा मुंडा चौक से होता हुआ फुलवार बगीचा पहुंचा और दीपाटोली में दुआओं के साथ संपन्न हुआ। पूरे मार्ग पर बने स्वागत द्वारों और लंगरों ने इसकी रौनक को और बढ़ा दिया।

ओलमा-ए-कराम का पैगाम
मदरसा जामिया नुरिया ज्याउल इस्लाम के मौलाना रेयाज रिज़वी और मदरसा असरफिया गरीब नवाज़ के इमाम ने अपने खुत्बे में कहा कि पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब ने इंसानियत को नई दिशा दी। उन्होंने समाज में बराबरी, भाईचारे और न्याय की नींव रखी।
“हजरत मोहम्मद साहब ने बेटियों, विधवाओं और मजलूमों को उनका हक दिलाया। आज की दुनिया में उनकी बताई राह पर चलने की सबसे ज्यादा जरूरत है।” – मौलाना रेयाज रिज़वी
अमन और भाईचारे का संदेश
जुलूस के दौरान हर तरफ मोहब्बत, भाईचारा और अमन का माहौल रहा। बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी इस धार्मिक आयोजन का हिस्सा बने। जगह-जगह लगे लंगर और तबर्रुक ने आयोजन की सुंदरता को और निखारा। हजारों की भीड़ होने के बावजूद अनुशासन और शांति का अनोखा नजारा देखने को मिला।
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