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महुआडांड़ प्रखंड के सभी पंचायत प्रतिनिधियों ने “सरकार आपके द्वार” कार्यक्रम का बहिष्कार करने का निर्णय लिया।

महुआडांड़ (लातेहार), 3 नवम्बर 2025

  • महुआडांड़ प्रखंड के सभी पंचायत प्रतिनिधियों ने “सरकार आपके द्वार” कार्यक्रम का बहिष्कार करने का निर्णय लिया।
  • मुखिया संघ की बैठक जिला परिषद भवन सभागार में सोमवार को हुई।
  • मुखियाओं का आरोप – सरकार कार्यक्रम के लिए कोई फंड उपलब्ध नहीं कराती, न ही आवेदनों पर कार्रवाई होती है।
  • 15वें वित्त आयोग से मिलने वाला फंड भी डेढ़ साल से रुका हुआ है, जिससे विकास कार्य ठप पड़े हैं।
  • मुखिया संघ ने प्रखंड समन्वयक और कंप्यूटर ऑपरेटर को हटाने की मांग की।

महुआडांड़ प्रखंड मुख्यालय स्थित जिला परिषद भवन सभागार में सोमवार को मुखिया संघ की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में प्रखंड के सभी पंचायतों के मुखिया उपस्थित रहे।
बैठक का मुख्य एजेंडा आगामी “सरकार आपके द्वार” कार्यक्रम पर चर्चा था। प्रतिनिधियों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि इस वर्ष इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया जाएगा।


कार्यक्रम पर फंड की कमी और नाराज़गी

गढ़बुढ़नी पंचायत की मुखिया रेनू तिग्गा ने बताया,

“सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के लिए सरकार की ओर से कोई फंड नहीं दिया जाता। हम ग्रामीणों से चंदा इकट्ठा कर आयोजन करते हैं। लेकिन आवेदन जमा होने के बाद भी उन पर कोई कार्यवाही नहीं होती। इसका सीधा असर हमारे जनप्रतिनिधियों की साख पर पड़ता है।”

उन्होंने आगे कहा कि पंचायतों को 15वें वित्त से मिलने वाला फंड पिछले डेढ़ साल से रुका हुआ है, जिसके कारण विकास कार्य ठप हो गए हैं। उन्होंने सरकार से जल्द फंड जारी करने और आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराने की मांग की।


⚠️ अधिकारियों पर मनमानी का आरोप

बैठक के दौरान मुखिया संघ ने प्रखंड समन्वयक उदय कुमार और कंप्यूटर ऑपरेटर कुणाल कुमार पर गंभीर आरोप लगाए। मुखियाओं ने कहा कि दोनों अधिकारी लंबे समय से पद पर जमे हुए हैं और कार्यों में मनमानी करते हैं।
कुणाल कुमार पर यह भी आरोप लगाया गया कि वे विधवा और वृद्धा पेंशनधारियों से भी पैसे की मांग करते हैं। मुखियाओं ने मांग की कि दोनों को तुरंत महुआडांड़ प्रखंड से हटाया जाए।


👥 उपस्थित प्रतिनिधि

बैठक में प्रमुख रूप से प्रमिला मिंज, रोशनी कुजूर, उषा खलखो, रेखा नागेशिया, कमला किड़ो, अमृता देवी, सुषमा कुजूर, रीता खलखो, प्रदीप बड़ाइक, रामबीसुन नागेशिया, रोज़ालिया टोप्पो, रेनूका टोप्पो सहित सभी पंचायतों के मुखिया मौजूद रहे।


जनप्रतिनिधियों की मांग

मुखियाओं ने स्पष्ट किया कि जब तक सरकार वित्तीय और प्रशासनिक पारदर्शिता नहीं लाएगी, तब तक “सरकार आपके द्वार” जैसे आयोजनों में उनकी भागीदारी संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि पंचायतों को वास्तविक सशक्तिकरण तभी मिलेगा जब स्थानीय निकायों को पर्याप्त फंड और निर्णय की स्वतंत्रता मिले।


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