मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर नेतरहाट विद्यालय प्रबंधन एवं संचालन नियमावली 2025” तैयार

*नेतरहाट स्कूल में बड़ा सुधार: छात्राओं के लिए 33% सीट आरक्षित, प्रशासनिक और शैक्षणिक सुधार की पहल*
महुआडांड़, 8 नवम्बर 2025 |
🔹 मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर तैयार हुई “नेतरहाट विद्यालय प्रबंधन एवं संचालन नियमावली 2025”
🔹 छात्राओं के लिए 33% सीटें आरक्षित, कुल सीटें 100 से बढ़ाकर 300 की गईं
🔹 विद्यालय संचालन हेतु शीर्ष निकाय, सामान्य निकाय और कार्यकारिणी समिति का गठन होगा
🔹 वित्तीय प्रबंधन में भी सुधार, अलग-अलग स्तरों पर खर्च की सीमा तय
🔹 गिरती शिक्षा गुणवत्ता और रिक्त पदों की समस्या को दूर करने की दिशा में बड़ा कदम
नेतरहाट विद्यालय में सुधार की नई दिशा
महुआडांड़ (लातेहार): झारखंड सरकार ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर राज्य के प्रतिष्ठित नेतरहाट विद्यालय में व्यापक सुधार की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने “नेतरहाट विद्यालय प्रबंधन एवं संचालन नियमावली 2025” तैयार की है, जिसके तहत विद्यालय के प्रशासनिक, शैक्षणिक और वित्तीय ढांचे में कई अहम बदलाव किए गए हैं।
इस नियमावली का उद्देश्य विद्यालय की गिरती शिक्षा गुणवत्ता को सुधारना, योग्य शिक्षकों की नियुक्ति सुनिश्चित करना, और नेतरहाट को फिर से उसकी गौरवशाली पहचान लौटाना है।
छात्राओं के लिए आरक्षण और सीटों में बढ़ोतरी
नई नियमावली के तहत विद्यालय में अब 33% सीटें छात्राओं के लिए आरक्षित रहेंगी। साथ ही, कुल सीटों की संख्या को 100 से बढ़ाकर 300 किया गया है। यह फैसला राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में लैंगिक समानता और समान अवसर सुनिश्चित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
शीर्ष निकाय और समितियों का गठन
विद्यालय संचालन के लिए तीन स्तरों पर निकाय बनाए जाएंगे —
- शीर्ष निकाय का नेतृत्व मुख्यमंत्री करेंगे,
- उपाध्यक्ष शिक्षा मंत्री होंगे,
- साथ ही मुख्य सचिव, विकास आयुक्त, वित्त सचिव, शिक्षा सचिव, उच्च शिक्षा सचिव, आईटी सचिव और विद्यालय के प्राचार्य इसके सदस्य होंगे।
इन निकायों की जिम्मेदारी विद्यालय की नीतियों का निर्धारण, नियुक्तियों पर निर्णय, विकास और आधुनिकीकरण की स्वीकृति, तथा वित्तीय निगरानी करना होगी। इसके अतिरिक्त दो वर्ष की अवधि के लिए मनोनीत सदस्य भी शामिल किए जाएंगे।
वित्तीय प्रबंधन में पारदर्शिता
नई नियमावली के अनुसार,
- विद्यालय स्तर पर 20 लाख रुपये तक,
- जिला स्तर पर 21–50 लाख रुपये तक,
- और राज्य स्तर पर 50 लाख रुपये से अधिक के व्यय का निर्णय लिया जा सकेगा।
इससे वित्तीय प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी।
स्थानीय प्रतिक्रिया
लातेहार के शिक्षा प्रेमी रामलाल टोप्पो ने कहा,
“नेतरहाट स्कूल झारखंड की शान है। मुख्यमंत्री का यह कदम छात्र-छात्राओं दोनों के लिए अवसरों के नए द्वार खोलेगा। उम्मीद है कि नेतरहाट फिर से अपनी पुरानी चमक लौटाएगा।”
शिक्षा सुधार की ओर नया कदम
पिछले कुछ वर्षों में नेतरहाट विद्यालय में रिक्त पदों, अनुबंध आधारित नियुक्तियों, और गिरते परिणामों की वजह से शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हुई थी। इस सुधारात्मक पहल से अब उम्मीद की जा रही है कि विद्यालय फिर से राज्य में उत्कृष्ट शिक्षा का केंद्र बनेगा।
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