महुआडांड़ में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही — स्वेटर के बिना ठंड में कांप रहे सरकारी स्कूलों के बच्चे

महुआडांड़ (लातेहार), 13 नवंबर 2025
- महुआडांड़ प्रखंड के सरकारी स्कूलों में अब तक स्वेटर वितरण नहीं हुआ
- ठंड बढ़ने के बावजूद बच्चे बिना गर्म कपड़ों के स्कूल जाने को मजबूर
- शिक्षकों ने कहा — कई बार रिपोर्ट भेजने के बाद भी विभाग से कोई कार्रवाई नहीं
- अभिभावकों ने शिक्षा विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया
- ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल स्वेटर वितरण की मांग की
महुआडांड़ में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही — स्वेटर के बिना ठंड में कांप रहे सरकारी स्कूलों के बच्चे
महुआडांड़ (लातेहार)। झारखंड में सर्दी दस्तक दे चुकी है, लेकिन महुआडांड़ प्रखंड के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले सैकड़ों मासूम बच्चे अब भी बिना स्वेटर के ठिठुरन झेलने को मजबूर हैं।
सरकार की योजनाएं कागज़ों पर तो गर्म दिखाई देती हैं, लेकिन ज़मीनी सच्चाई बेहद ठंडी और चिंताजनक है।
🔸 ठंड बढ़ी, स्वेटर अब तक नहीं पहुँचे
नवंबर का आधा महीना बीत चुका है और तापमान लगातार गिर रहा है, परंतु शिक्षा विभाग की ओर से अब तक छात्रों को स्वेटर वितरण की कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
कई स्कूलों में बच्चे ठंडी हवाओं में बिना गर्म कपड़ों के क्लासरूम में बैठते हैं, जिससे उनकी सेहत और पढ़ाई दोनों प्रभावित हो रही हैं।
🔸 शिक्षकों और अभिभावकों की चिंता
स्थानीय शिक्षकों का कहना है कि वे इस मुद्दे पर कई बार विभाग को रिपोर्ट भेज चुके हैं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
“हर साल यही कहानी दोहराई जाती है। स्वेटर का वादा तो होता है, लेकिन वितरण तब होता है जब ठंड लगभग खत्म हो जाती है,”
— एक शिक्षक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया।
वहीं, ग्रामीण अभिभावकों ने विभाग पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि बच्चों के लिए सरकार योजनाएं बनाती है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर उनका लाभ समय पर नहीं पहुंचता।
“बच्चे ठंड में बीमार पड़ते हैं, फिर इलाज का खर्च अलग। विभाग बस फाइलें गर्म रखता है, लेकिन बच्चों के शरीर ठंडे रह जाते हैं,”
— एक ग्रामीण अभिभावक ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा।
🔸 प्रशासन से उम्मीदें
ग्रामीणों और शिक्षकों ने शिक्षा विभाग से तुरंत स्वेटर वितरण सुनिश्चित करने की मांग की है, ताकि बच्चों की सेहत पर असर न पड़े। कई लोगों का कहना है कि विभाग को पहले से तैयारी रखनी चाहिए थी ताकि ठंड शुरू होते ही स्वेटर उपलब्ध कराए जा सकें।
🔹 JharTimes का संदेश
JharTimes इस मुद्दे को गंभीरता से उठाता है और उम्मीद करता है कि प्रशासन जल्द कार्रवाई करेगा, ताकि मासूम बच्चों को ठिठुरन की सज़ा न भुगतनी पड़े।
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