
महुआडांड़ (लातेहार) |25 जुलाई 2025
- करीब दो साल पहले बना था महुआडांड़ में पर्यटन पड़ाव, लेकिन आज तक शुरू नहीं किया गया
- तीन जगहों पर बनाए गए पर्यटन पड़ाव — लोध फॉल पथ, बोहता, और सुग्गा फॉल पथ
- जगह-जगह झाड़ियों ने ढँक लिया परिसर, बैठने की जगहें वीरान पड़ीं
- दुकानें बंद, कुछ जगहों पर शराबियों का अड्डा बन चुका है
- लाखों रुपये खर्च के बाद भी प्रखंड, अनुमंडल और जिला प्रशासन की कोई सुध नहीं
- झारटाइम्स की टीम ने स्थलीय निरीक्षण कर उठाई जनता की आवाज
दो साल बीतने के बाद भी शुरू नहीं हुआ पर्यटन पड़ाव
महुआडांड़ क्षेत्र में पर्यटकों को सुविधा देने और पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से करीब दो साल पहले तीन स्थानों पर पर्यटन पड़ाव का निर्माण कराया गया था। इनमें लोध फॉल मार्ग, बोहता और सुग्गा फॉल मार्ग शामिल हैं। लेकिन आज तक इनका संचालन शुरू नहीं हो पाया है।

जर्जर होता निर्माण, बढ़ती उपेक्षा
इन पर्यटन पड़ावों में बैठने की व्यवस्था, शौचालय और दुकानें तैयार की गई थीं, लेकिन देखरेख और संचालन के अभाव में अब ये सभी स्थान जंगल और झाड़ियों से घिरे पड़े हैं। दुकानें वीरान हैं और हर जगह कचरा फैला हुआ है।
शराबियों का अड्डा बनता जा रहा है पर्यटन पड़ाव
स्थानीय लोगों का कहना है यह स्थल कुछ लोगों द्वारा शराब सेवन के अड्डे के रूप में उपयोग किया जा रहा है, जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश और चिंता दोनों व्याप्त है। पर्यटन के नाम पर बनाई गई ये संरचनाएं अब सामाजिक समस्याओं का केंद्र बन रही हैं।

जनता के टैक्स का पैसा बर्बाद?
इन निर्माणों में लाखों रुपये की लागत आई, लेकिन जब इन्हें संचालित ही नहीं किया गया, तो सवाल उठना लाज़मी है —
क्या यह जनता के टैक्स के पैसों की बर्बादी नहीं है?
स्थानीय ग्रामीणों और समाजसेवियों ने सवाल उठाया है कि जब योजना थी, निर्माण हुआ, तो संचालन और रखरखाव की ज़िम्मेदारी किसकी थी?
प्रशासन की चुप्पी, जिम्मेदारी तय कौन करेगा?
न तो प्रखंड प्रशासन, न ही अनुमंडल स्तर पर कोई अधिकारी, और न ही जिला प्रशासन इस ओर ध्यान दे रहा है। सबने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है, जिससे गांव के लोग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
झारटाइम्स की पहली कोशिश
झारटाइम्स की टीम ने इन तीनों पर्यटन पड़ावों का स्थलीय निरीक्षण कर पूरी स्थिति को कवर किया है। हम प्रशासन से मांग करते हैं कि:
- तुरंत इन संरचनाओं की सफाई, मरम्मत और संचालन शुरू कराया जाए
- अगर संचालन की योजना नहीं है, तो जनता को जवाब दिया जाए कि लाखों की लागत क्यों खर्च की गई
- इन स्थलों को स्थानीय युवा समूहों या स्वयं सहायता समूहों को सौंपकर उपयोग में लाया जाए
📢 झारखंड की ताज़ा खबरें अब सीधे आपके WhatsApp पर!
🔗 WhatsApp ग्रुप जॉइन करेंझारटाइम्स – आपके गाँव, आपके खबर